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इसे पूजा में प्रसाद के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
वसंत पंचमी के अनुसार इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है और उन्हें पीले रंग के व्यंजन भी चढ़ाए जाते हैं। बहुत से लोग इस दिन पीले चावल, राजभोग, बेसन के लड्डू आदि भक्ति भाव से चढ़ाते हैं। इस बार वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आप घर पर ही मालपुआ बनाकर मां को अर्पित कर सकते हैं और पूजा के बाद प्रसाद के रूप में बांट सकते हैं. इस स्वीट डिश को बनाना बहुत ही आसान है।
मालपुआ बनाने के लिए चाहिए:-खोया – 150 ग्राममैदा – 200 ग्रामदूध- 1 गिलास दूधइलायची पाउडर – 2 चम्मचकेवड़ा जल/गुलाब जल – एक चम्मचचीनी या बूरा – 1 कप
मालपुआ बनाने की विधि:-मालपुआ बनाने के लिए सबसे पहले मावा को एक पैन में डाल कर अच्छे से भून लें. मावा भूनते समय लगातार चलाते रहें. अब इसमें दूध डालकर अच्छे से पकाएं। अगर मावा और दूध अच्छी तरह मिल जाए तो इसे ठंडा होने के लिए रख दें। अब एक बर्तन लें और उसमें दूध लें और मैदा छान कर मिला लें. इस घोल को आधे घंटे के लिए साइड में रख दें। तब तक एक पैन में एक कप चीनी और पानी डालकर चाशनी तैयार कर लें। चाशनी को ज्यादा गाढ़ा न करें। अब चाशनी में इलायची पाउडर और केवड़ा या गुलाब जल डालकर मिला लें।
अब मालपुआ बनाने के लिए एक कड़ाही में तेल या घी गर्म करें. अब तले हुए मावा में दूध और आटे का मिश्रण डालें।अब एक प्याले की सहायता से एक पैन में मालपुआ के आकार का बैटर डाल कर डीप फ्राई करें और निकाल लें. इसके बाद मालपुआ को चाशनी में डुबोएं। इसी तरह बचे हुए घोल से भी मालपुए बना लें. इसे भोग की थाली में सजाएं। पूजा के बाद भोग लगाएं, खुद प्रसाद के रूप में खाएं और दूसरों को खिलाएं। आप चाहें तो इसमें केसर, बारीक कटे हुए मेवे आदि भी मिला सकते हैं।
ठंडाई गर्मियों के दिनों में बहुत ही स्वादिष्ट, ताजगी और ऊर्जा देने वाला पेय है. अगर एक आप गिलास ठंडाई रोज सुबह पीते हैं, तो धूप में लगने वाली लू और नकसीर (नाक से खून आने) जैसी तकलीफों से भी बचे रहेंगे.बाजार से भी तैयार ठंडाई खरीदी जा सकती है, लेकिन घर में बनी हुई ठंडाई आपको बिना मिलाबट और प्रजरवेटिव्स के मिलेगी, जो अवश्य ही आपके स्वास्थ्य के लिये फायदे मंद होगी. तो आइये आज हम ठंडाई बनायें.
कच्चे आम की खट्टी मीठी लौंग गुड़, मसालों के साथ तैयार की जाती है, जो आपके भोजन को एक अनोखा स्वाद देती है।
गुलगुले पुए या मीठे पुए बनाना बहुत ही आसान रेसिपी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में, घर की नई दुल्हन रसोई में पहला पकवान बनाती है, जो कि मीठा पूय या गुलगुला है। ये मिठाई पूजा धार्मिक कार्यों और पूजा में भी बनाई जाती है। जहां पकौड़ी फैली हुई है, पकौड़ी पकौड़े के आकार में हैं। अगर आपको मीठा पसंद है, तो आपको ये मिठाई पसंद आएगी।
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