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सामग्री:3 से 4 कप चावल का आटाएक कप दूध (वैकल्पिक)पानी आवश्यकतानुसार2 से 3 कप उड़द की दाल (रात भर पानी में भीगी हुई)2 से 3 कप चने की दाल (रात भर पानी में भीगी हुई)चाहें तो बनाने के 3 से 4 घंटे पहले भी दाल को भिगो सकते हैं।4 से 5 लहसुन की कलियांएक चम्मच अदरक बारीक कटा हुआ4 से 5 हरी मिर्च1 चम्मच बारीक कटा हरा धनिया2 चम्मच सरसों का तेल या घी1 छोटी चम्मच हल्दी पाउडर1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडरनमक स्वादानुसार
बनाने की विधि:सबसे पहले के पतीले में दो से तीन कप पानी लें।अब उसमें दो से तीन चम्मच घी और आधा छोटा चम्मच नमक डालें।फिर इसे ढक दें और पानी में उबाल आने दें।जब पानी उबल जाए तो गैस बंद कर दें और इसमें चावल का आटा डाल दें।अब चम्मच की मदद से इसे अच्छी तरह से मिला दें और ढककर थोड़ी देर के लिए रख दें, ताकि आटा थोड़ा फूल जाए।फिर जो चावल का आटा ठंडा होने के लिए रखा था उसे मसल-मसलकर गूंथ लें।जरूरत पड़ने पर एक या दो चम्मच दूध और पानी का इस्तेमाल करते हुए भी गूंथ सकते हैं।इसे गूंथते वक्त हाथ में थोड़ा घी लगा लें।गूंथे हुए आटे की छोटी-छोटी लोई बना लें और एक बर्तन में ढक कर रख लें।अब एक-एक करके उन्हें गोल पूरी के आकार में बेल लें।बेलते वक्त जरूरत पड़ने पर इसमें चावल के आटे का ही पर्थन लगाएं।
फिर जो चावल का आटा ठंडा होने के लिए रखा था उसे मसल-मसलकर गूंथ लें।जरूरत पड़ने पर एक या दो चम्मच दूध और पानी का इस्तेमाल करते हुए भी गूंथ सकते हैं।इसे गूंथते वक्त हाथ में थोड़ा घी लगा लें।गूंथे हुए आटे की छोटी-छोटी लोई बना लें और एक बर्तन में ढक कर रख लें।अब एक-एक करके उन्हें गोल पूरी के आकार में बेल लें।बेलते वक्त जरूरत पड़ने पर इसमें चावल के आटे का ही पर्थन लगाएं।फिर इसमें दाल की फिल्लिंग डालें और उसे दूसरे तरफ से मोड़कर आधा बंद कर लें।
।फिर एक-एक करके सभी पूरियों के बीच में पिसी हुई दाल भरें।ध्यान रखें कि पूरियों के बीच दाल को दबाते हुए उसका मुंह जबरदस्ती एक्स्ट्रा दाल भरते हुए बंद न करें। पूरी के बीच में जितनी दाल आए, उतनी ही भरें।अब गैस पर किसी गहरे पैन में दो से तीन गिलास पानी लें।फिर उसे अच्छे से ढककर उबलने दें।जब पानी उबल जाए तो उसके ऊपर एक जाली रख दें।ध्यान रहे जाली को उसके ऊपर रखने से पहले घी या तेल से थोड़ा ग्रीस कर लें, ताकि फरे उसमें चिकपे नहीं।अब इसे उबलते पानी के बर्तन के ऊपर रखें और इस जाली पर एक-एक करके फरे रखें।फिर इसे ढक दें और मध्यम से हाई आंच पे 10 मिनट तक पकाएं।
आप चाहें तो फरे बनाने के लिए साफ सूती के कपड़े का उपयोग भी कर सकते हैं।बस पानी उबलने के बाद बर्तन के मुंह पर साफ सूती कपड़ा बांधना है और उसके ऊपर फरे पकने के लिए रखने हैं।आप चाहें तो स्टीमर का उपयोग भी कर सकते हैं।अब जब फरे पककर तैयार हो जाए तो गरमा-गर्म या थोड़ा ठंडा होने के बाद चटनी, आचार या सिरके के साथ इसे सर्व करें।आप चाहें तो सर्व करने से पहले इसे तेल में फ्राई करके भी सर्व कर सकते हैं।एक कड़ाही में एक चम्मच तेल, एक चम्मच सरसों के दाने, जीरा, एक से दो हरी मिर्च बारीक कटी हुई, छोटे टुकड़ों में कटे हुए फरे, चुटकिभर हल्दी, एक छोटा चम्मच लाल मिर्च और आधा चम्मच नमक डालकर फ्राई कर लें।फिर गरमा-गर्म सर्व कर लें।
कटहल की तीखी सब्जी, जिसे खाने का बार-बार मन करेगा।
उत्तर भारत में, विशेष रूप से पार्टियों में, अलुवुखरा चटनी पुरी, परांठे, पुलाव, कचोरी आदि का स्वाद दोगुना कर देती है।
सेवई की खीर, सेवई का हलवा या सेवई पुलाव, ये सभी अच्छे लगते हैं। सेवई से बनी इडली भी बहुत स्वादिष्ट होती है, बहुत कम तेल के साथ बनाई जाने वाली यह रेसिपी आप इसे नाश्ते के लिए या शाम को कभी भी खा सकते हैं, तो चलिए आज सेवई इडली बनाते हैं।
तैयारी
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