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राजस्थानी मिर्च वड़ा भुने हुए आलू के मसाले को गाढ़ी मसालेदार मिर्च के साथ भरकर और बेसन के घोल को तल कर बनाया जाता है। इसे धनिया पुदीने की चटनी या टमाटर सॉस के साथ कभी भी सर्व करें।
आवश्यक सामग्रीहरी मिर्च मोटे साइज की (भावनगरी) - 11 (250 ग्राम)बेसन - 1 कप (100 ग्राम)उबले आलू - 3 (250 ग्राम)हरा धनिया - 2-3 टेबल स्पून (बारीक कटा हुआ)जीरा- ½ छोटी चम्मच (दरदरा कुटा हुआ)हल्दी पाउडर - ¼ छोटी चम्मचलाल मिर्च पाउडर - ½ छोटी चम्मचधनिया पाउडर - 1 छोटी चम्मचअदरक का पेस्ट - ½ छोटी चम्मचहरी मिर्च - 1 (बारीक कटी हुई)गरम मसाला - ¼ छोटी चम्मचअमचूर पाउडर - ½ छोटी चम्मचअजवायन - ½ छोटी चम्मचबेकिंग सोडा- ½ पिंचनमक - 1 छोटी चम्मच या स्वादानुसारतेल - तलने के लिए
विधिएक बड़े कटोरे में बेसन लें, थोड़ा पानी डालें और पकोड़े जैसा गाढ़ा घोल तैयार करें। अब बेसन के घोल में आधा चम्मच नमक, अजमोद और चौथाई चम्मच लाल मिर्च पाउडर डालें और सभी चीजों को अच्छे से मिक्स होने तक मिलाएँ। घोल को 10-15 मिनट के लिए ढककर रख दें। उबले हुए आलू को छील कर मैश कर लें। एक पैन में 2 टेबलस्पून तेल गर्म करें। तेल गरम होने पर जीरा डालकर भूनें। जीरा भूनने के बाद, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, बारीक कटी हुई हरी मिर्च, अदरक का पेस्ट डालें और मसाले को थोड़ा भूनें।
मैश किए हुए आलू, नमक, लाल मिर्च पाउडर, आम पाउडर और गरम मसाला पाउडर डालें और आलू को अच्छी तरह से मिला कर भूनें। आलू को 2 मिनट तक भूनने के बाद, थोड़ा सा हरा धनिया डालें। गैस बंद कर दें। स्टफिंग तैयार है, इसे एक प्लेट में निकाल लें। दर्पणों को धोकर सुखा लें। मिर्च को एक तरफ से लम्बा काट लें, ताकि मिर्च दूसरी तरफ से जुड़ी रहे, सभी मिर्चों को काट कर तैयार कर लें। स्टफिंग को कटी हुई मिर्च में भरें। अपने हाथ में एक मिर्च उठाएं, इसे कटा हुआ भाग के साथ खोलें और इसे एक चम्मच के साथ भरें और इसे दबाकर रखें, सभी मिर्च तैयार करें।
बेसन का घोल भी तैयार है, इसमें बेकिंग सोडा मिलाएं। कढ़ाई में तेल डाल कर गरम कीजिये। मिर्च को बेसन के घोल में लपेटें और गर्म तेल में डालें, एक बार में 2-3 मिर्च डालें और इसे सुनहरा भूरा होने तक तलें। पकोड़ा को पैन से निकालें और एक प्लेट पर रखें। सारे चिली पकोड़े इसी तरह से तैयार कर लें। स्वादिष्ट गरमा गरम मिर्च वड़े तैयार हैं, इन्हें टोमेटो सॉस, चटनी या किसी भी चटनी के साथ परोसें और खाएँ।
मान्यता के अनुसार आंवला नवमी को आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। इस दिन आंवला खाने का उच्च कोटि का महत्व है। आंवला विटामिन-सी से भरपूर होता है और हमारी पाचन शक्ति को बढ़ाता है, खाने की इच्छा को बढ़ाता है और आलस्य को दूर करता है। अगर आप भी आंवला नवमी के दिन आंवले का सेवन करके लाभ अर्जित करना चाहते हैं, तो यहां आपके लिए 6 अनोखी आंवला रेसिपी बताई गई हैं। यहां पढ़ें- 1. आंवला मुरब्बा:आंवला मुरब्बा1 किलो चमचमाता आंवला, 10 ग्राम चूना, 25 ग्राम मीठा मीठा, 1.25 किलो चीनी, 1 चम्मच काली मिर्च, 5-7 केसर के गुच्छे, पाव चम्मच इलायची पाउडर। तरीका:1 किलो चमचमाता और आसान आंवला लें और इसे 3 दिनों के लिए पानी में भिगो दें। इसके बाद इन्हें पानी से निकाल कर कांटों से गोद लें और पानी में नीबू को घोलकर आंवले को 3 दिन तक उसमें भीगने दें. चौथे दिन इन्हें आसान पानी से धोकर चीनी, मीठा और पानी में भाप दें। फिर इसे कपड़े पर खोलकर सुखा लें। अब चाशनी बनाकर उसमें आंवले छोड़ दें और रात का खाना तैयार करें. जब आंवले अच्छे से नरम हो जाएं तो उसमें काली मिर्च, केसर और इलायची डाल दें। इसके बाद मुरब्बा को ठंडा करके एक जार में रख लें। तैयार आंवला जैम हृदय को बिजली देने और दिमाग को तरोताजा करने के साथ-साथ फिटनेस के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है। 2. आंवला मसालेदार लौंजी:
मान्यता के अनुसार आंवला नवमी को आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। इस दिन आंवला खाने का उच्च कोटि का महत्व है। आंवला विटामिन-सी से भरपूर होता है और हमारी पाचन शक्ति को बढ़ाता है, खाने की इच्छा को बढ़ाता है और आलस्य को दूर करता है। अगर आप भी आंवला नवमी के दिन आंवले का सेवन करके लाभ अर्जित करना चाहते हैं, तो यहां आपके लिए 6 अनोखी आंवला रेसिपी बताई गई हैं। यहां पढ़ें- 1. आंवला मुरब्बा:
आंवला मुरब्बा
1 किलो चमचमाता आंवला, 10 ग्राम चूना, 25 ग्राम मीठा मीठा, 1.25 किलो चीनी, 1 चम्मच काली मिर्च, 5-7 केसर के गुच्छे, पाव चम्मच इलायची पाउडर। तरीका:
1 किलो चमचमाता और आसान आंवला लें और इसे 3 दिनों के लिए पानी में भिगो दें। इसके बाद इन्हें पानी से निकाल कर कांटों से गोद लें और पानी में नीबू को घोलकर आंवले को 3 दिन तक उसमें भीगने दें. चौथे दिन इन्हें आसान पानी से धोकर चीनी, मीठा और पानी में भाप दें। फिर इसे कपड़े पर खोलकर सुखा लें। अब चाशनी बनाकर उसमें आंवले छोड़ दें और रात का खाना तैयार करें. जब आंवले अच्छे से नरम हो जाएं तो उसमें काली मिर्च, केसर और इलायची डाल दें। इसके बाद मुरब्बा को ठंडा करके एक जार में रख लें। तैयार आंवला जैम हृदय को बिजली देने और दिमाग को तरोताजा करने के साथ-साथ फिटनेस के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है। 2. आंवला मसालेदार लौंजी:
राजस्थानी पारंपरिक रेसिपी मेथी दाना है, इसे मेथी का मीठा अचार भी कहा जाता है। मेथी की लौंग स्वादिष्ट होने के साथ पाचन में भी बहुत फायदेमंद है। इसे पूरे परांठे के साथ परोसा जा सकता है।
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